भावन
From जैनकोष
(1) जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र मे सदृतु नगर का एक वणिक् । आलकी इसकी स्त्री और हरिदास पुत्र था । यह चार करोड़ दीनारों का स्वामी था । देशांतर जाते ही इसके पुत्र ने व्यसनों में पड़कर संपत्ति का नाश कर दिया । वह चोरी करने लगा । इसे देशांतर से लौटने पर अपना पुत्र दिखायी न देने से यह उसे खोजने सुरंगमार्ग से गया और इसका पुत्र चोरी करके उसी सुरंगमार्ग से लौटा । इसने अपना बैरी जानकर इसको तलवार से मार डाला था । पद्मपुराण - 5.96-105
(2) असरकुमार आदि भवनवासी देव । हरिवंशपुराण - 3.135