भावसेन त्रैविध्य
From जैनकोष
मूलसंघ सेनगण के नैयायिक विद्वान् आचार्य। कृतियें–प्रमाप्रमेय, कथाविचार, शाकटायन व्याकरण टीका, कातंत्र रूपमाला, न्याय सूर्यावली, मुक्ति भुक्ति विचार, न्याय दीपिका, सिद्धांतसार, सप्तपदार्थी टीका। समय–ई. श. 13 का मध्य। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/256, 259)।