मत्स्य
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
भरतक्षेत्र में मध्य आर्यखंड का एक देश–देखें मनुष्य - 4.4।
पुराणकोष से
(1) भरतक्षेत्र के मध्य आर्यखंड का एक देश-महावीर की विहारभूमि । तीर्थंकर नेमि भी विहार करते हुए यहाँ आये थे । हरिवंशपुराण - 3.4, 11.65, 59.110
(2) एक नृप । यह रोहिणी के स्वयंवर में सम्मिलित हुआ था । 31.28
(3) कल्पपुर नगर के हरिवंशी राजा महीदत्त का कनिष्ठ पुत्र और अरिष्टनेमि का अनुज । इसने अपनी चतुरंग सेना से भद्रपुर और हस्तिनापुर को जीता था इस विजय के पश्चात् हस्तिनापुर को इसने निवास स्थान के रूप में चुना था । इसके अयोधन आदि सौ पुत्र हुए थे । अंत में यह ज्येष्ठ पुत्र को राज्य सौंपकर दीक्षित हो गया था । हरिवंशपुराण - 17.29-31
(4) मंदिर ग्राम का एक धीवर । साकी इसकी पत्नी तथा पूति का पुत्री थी । महापुराण 71.326
(5) जल-जंतु-मछली । ये जल में ही रहती है । ये मरकर सातवीं नरकभूमि तक जाती है । चरणतल में इनकी रेखांकित रचना शुभ मानी गयी है । महापुराण 3.162, 4.117, 10.30, पद्मपुराण - 26.84