मायानिद्रा
From जैनकोष
मायामय नींद । तीर्थंकर के जन्म के समय शची तीर्थंकर की माता को इसी नींद में सुलाकर और प्रसूति से उन्हें बाहर लाकर अभिषेक हेतु इंद्र को देती है । महापुराण 13.31, 14.75
मायामय नींद । तीर्थंकर के जन्म के समय शची तीर्थंकर की माता को इसी नींद में सुलाकर और प्रसूति से उन्हें बाहर लाकर अभिषेक हेतु इंद्र को देती है । महापुराण 13.31, 14.75