मीमांसा
From जैनकोष
धवला 13/5,5,38/11
मीमांस्यते विचार्यते अवगृहीतोऽर्थो विशेषरूपेण अनया इति मीमांसा।
= अवग्रह के द्वारा ग्रहण किया अर्थ विशेष रूप से जिसके द्वारा मीमांसित किया जाता है अर्थात् विचारा जाता है वह मीमांसा है।
देखें ऊहा –ईहा, ऊहा, अपोहा, मार्गणा, गवेषणा और मीमांसा ये ईहा के पर्यायनाम हैं। (और भी–देखें विचय )।