मृगशृंग
From जैनकोष
भूतरमण अटवी में ऐरावत नदी के तटवासी खमाली तापस और उसकी स्त्री कनकेशी का पुत्र । यह विद्याधर होने का निदान कर पंचाग्नि तप करते हुए मरा था तथा निदान के कारण विद्युद्दष्ट्र विद्याधर हुआ । महापुराण 62.379-382, हरिवंशपुराण - 27.119-121