मेघविजय
From जैनकोष
जंबूद्वीप में चक्रपुर नगर के राजा रत्नायुध का एक हाथी । वज्रदंत मुनि से लोकानुयोग का वर्णन सुनकर इसे अपने पूर्वभव का स्मरण हो आया था अत: इसने योग धारण कर हिंसा आदि पांच पापों और मद्य, मास एवं मधु का त्याग कर अष्टमूलगुणों को धारण कर लिया था । इसका अपर नाम मेघनिनाद था । महापुराण 59. 246-267 देखें मेघनिनाद