रक्ता
From जैनकोष
(1) चौदह महानदियों में तेरहवीं नदी । यह शिखरी पर्वत के पुंडरीक सरोवर से निकलकर ऐरावतक्षेत्र में पूर्व की ओर बहती हुई पूर्वसमुद्र में गिरती है । (महापुराण 63.196), (हरिवंशपुराण - 5.125,हरिवंशपुराण - 5.135, 160)
(2) सुमेरु पर्वत के पांडुक वन की नैऋत्य दिशा में स्थित स्वर्णमय एक शिला । इस पर पश्चिम विदेह के तीर्थंकरों का अभिषेक होता है । (हरिवंशपुराण - 5.347-348)
(3) शिखरी कुलाचल का पाँचवाँ कूट । (हरिवंशपुराण - 5.106)