वचोगुप्ति
From जैनकोष
अहिंसा व्रत की पांच भावनाओं में दूसरी भावना । इसमें स्त्रीकथा आदि चारों विकथाओं से विरक्त रहना होता है । महापुराण 20.161, पांडवपुराण 9-89
अहिंसा व्रत की पांच भावनाओं में दूसरी भावना । इसमें स्त्रीकथा आदि चारों विकथाओं से विरक्त रहना होता है । महापुराण 20.161, पांडवपुराण 9-89