विनयविलास
From जैनकोष
एक निर्ग्रंथ मुनि । ये प्रभापुर नगर के राजा श्रीनंदन और रानी धरणी के छठे पुत्र थे । सुरमन्यु, श्रीमन्यु, श्रीनिचय, सर्वसुंदर, जयवान् इनके बड़े भाई और जयमित्र छोटा भाई था । ये सातों भाई प्रीतिंकर मुनिराज के केवलज्ञान के समय देवों का आगमन देखकर बोध को प्राप्त हुए । ये पिता के साथ धर्माराधन करने लगे थे । राजा श्रीनंदन ने डमरमंगल नामक एक मास के बालक को राज्य देकर अपने इन सातों पुत्रों के साथ प्रीतिंकर मुनिराज सै दीक्षा की थी । इन्होंने केवलज्ञान प्रकट किया और मोक्ष गये । में सातों मुनि सप्तर्षि कहलाये । शत्रुघ्न ने इन सप्तर्षियों की प्रतिमाएँ मथुरा में स्थापित कराई थीं । पद्मपुराण - 92.1-42, 81-82