विषम दृष्टांत
From जैनकोष
न्यायविनिश्चय/ वृ./1/42/292/24 दृष्टांतो विषमो दार्ष्टांतिकसदृशो न भवति। = जो दार्ष्टांतिक के सदृश न हो उसे विषम दृष्टांत कहते हैं।
न्यायविनिश्चय/ वृ./1/42/292/24 दृष्टांतो विषमो दार्ष्टांतिकसदृशो न भवति। = जो दार्ष्टांतिक के सदृश न हो उसे विषम दृष्टांत कहते हैं।