वृषभध्वज
From जैनकोष
(1) सूर्यवंशी एक राजा । यह राजा वीतभी का पुत्र और गरुडांक का पिता था । पद्मपुराण - 5.8, हरिवंशपुराण - 13.11
(2) उज्जयिनी का राजा । इसकी रानी कमला थी । महापुराण 71.208-209, हरिवंशपुराण - 33.103
(3) महापुर नगर के राजा छत्रच्छाय और रानी श्रीदत्ता का पुत्र । पूर्वभव में इसे मरते समय पद्मरुचि जैनी ने नमस्कार मंत्र सुनाया था जिसके प्रभाव से यह तिर्यंच योनि से मनुष्य हुआ था । इसने अपने पूर्वभव के मरणस्थान पर जैन-मंदिर बनवाकर मंदिर के द्वार पर अपने पूर्वभव का एक चित्रपट लगवाया था । मंदिर में दर्शनार्थ आये अपने पूर्वभव के उपकारी पद्मरुचि को पाकर उसके चरणों में नमस्कार कर उसकी इसने पूजा की थी । अनुरागपूर्वक पद्मरुचि के साथ इसने चिरकाल तक राज्य किया था । दोनों ने अनेक जिनमंदिर और जिन प्रतिमाएँ बनवाई थी । अंत में समाधिपूर्वक मरकर दोनों ऐशान स्वर्ग में देव हुए । पद्मपुराण - 106.38-70
(4) भरतेश और सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 24.33, 25. 16