वृष्यरसत्याग
From जैनकोष
ब्रह्मचर्यव्रत की पाँच भावनाओं में पांचवीं भावना । इसमें शक्तिवर्द्धक दूध आदि गरिष्ठ-रसों का त्याग किया जाता है । महापुराण 20.164,
देखें ब्रह्मचर्य 2.1
ब्रह्मचर्यव्रत की पाँच भावनाओं में पांचवीं भावना । इसमें शक्तिवर्द्धक दूध आदि गरिष्ठ-रसों का त्याग किया जाता है । महापुराण 20.164,
देखें ब्रह्मचर्य 2.1