शीलव्रतेश्वनतिचार
From जैनकोष
तीर्थंकर प्रकृति में कारणभूत सोलह कारण-भावनाओं में तीसरी भावना । शीलव्रतों को निरतिचार धारण करना शीलव्रतेष्वनतिचार-भावना कहलाती है । महापुराण 63.322, हरिवंशपुराण - 34.134
तीर्थंकर प्रकृति में कारणभूत सोलह कारण-भावनाओं में तीसरी भावना । शीलव्रतों को निरतिचार धारण करना शीलव्रतेष्वनतिचार-भावना कहलाती है । महापुराण 63.322, हरिवंशपुराण - 34.134