सर्वदर्शित्व शक्ति
From जैनकोष
समयसार / आत्मख्याति/परि./शक्ति नं.9 विश्वविश्वसामान्यभावपरिणामात्मदर्शनमयी सर्वदर्शित्वशक्ति:।9। =समस्त विश्व के सामान्य भाव को देखनेरूप से (अर्थात् लोकालोक को सत्तामात्र ग्रहण करने रूप से) परिणमित ऐसे आत्म-दर्शनमयी सर्वदर्शित्व शक्ति है।