सुवेगा
From जैनकोष
भरतक्षेत्र के विजयार्ध पर्वत पर स्थित शिवंकरनगर के राजा पवनवेग विद्याधर की रानी । दूसरे जन्म के स्नेहवश चंदना का हरण करने वाले मनोवेग की यह माता थी । महापुराण 75.163-165
भरतक्षेत्र के विजयार्ध पर्वत पर स्थित शिवंकरनगर के राजा पवनवेग विद्याधर की रानी । दूसरे जन्म के स्नेहवश चंदना का हरण करने वाले मनोवेग की यह माता थी । महापुराण 75.163-165