राजवार्तिक/8/11/8/577/2 तद्विपरीतसंनिवेशकरं स्वातिसंस्थाननाम वल्मीकतुल्याकारम् । = न्यग्रोध से उलटा ऊपर लघु और नीचे भारी, बांबी की रचना स्वाति संस्थान है।
अधिक जानकारी के लिये देखें संस्थान ।
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