GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 101 - अर्थ
From जैनकोष
ये काल, आकाश, धर्म और अधर्म, पुद्गल, जीव `द्रव्य' संज्ञा को प्राप्त करते हैं; परन्तु काल के कायत्व नहीं है।
ये काल, आकाश, धर्म और अधर्म, पुद्गल, जीव `द्रव्य' संज्ञा को प्राप्त करते हैं; परन्तु काल के कायत्व नहीं है।