GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 150-151
From जैनकोष
हेदुमभावे णियमा जायदि णाणिस्स आसवणिरोधो (१५०)
आसवभावेण बिणा जायदि कम्मस्स दु णिरोधो ॥१५८॥
कम्मस्साभावेण य सव्वण्हू सव्वलोगदरसी य (१५१)
पावदि इंदियरहिदं अव्वाबाहं सुहमणंतं ॥१५१॥
हेदुमभावे णियमा जायदि णाणिस्स आसवणिरोधो (१५०)
आसवभावेण बिणा जायदि कम्मस्स दु णिरोधो ॥१५८॥
कम्मस्साभावेण य सव्वण्हू सव्वलोगदरसी य (१५१)
पावदि इंदियरहिदं अव्वाबाहं सुहमणंतं ॥१५१॥