GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 35
From जैनकोष
ण कदाचिवि उप्पण्णो जम्हा कज्जं ण तेण सो सिद्धो । (35)
उप्पादेदि ण किंचिवि कारणमिह तेण ण स होहि ॥36॥
ण कदाचिवि उप्पण्णो जम्हा कज्जं ण तेण सो सिद्धो । (35)
उप्पादेदि ण किंचिवि कारणमिह तेण ण स होहि ॥36॥