GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 36 - अर्थ
From जैनकोष
(मोक्ष में जीव का) सद्भाव न होने पर शाश्वत / नाशवान, भव्य (होने योग्य) / अभव्य (न होने योग्य), शून्य / अशून्य, विज्ञान और अविज्ञान (जीव में) घटित नहीं होते हैं ।
(मोक्ष में जीव का) सद्भाव न होने पर शाश्वत / नाशवान, भव्य (होने योग्य) / अभव्य (न होने योग्य), शून्य / अशून्य, विज्ञान और अविज्ञान (जीव में) घटित नहीं होते हैं ।