GP:पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 79 - अर्थ
From जैनकोष
प्रदेश की अपेक्षा परमाणु नित्य है, न वह अनवकाश है और न सावकाश है, स्कन्धों का भेत्ता / भेदन करने वाला है, कर्ता है, काल और संख्या का प्रविभाग करनेवाला है।
प्रदेश की अपेक्षा परमाणु नित्य है, न वह अनवकाश है और न सावकाश है, स्कन्धों का भेत्ता / भेदन करने वाला है, कर्ता है, काल और संख्या का प्रविभाग करनेवाला है।