GP:प्रवचनसार - गाथा 121 - अर्थ
From जैनकोष
कर्म से मलिन आत्मा कर्म संयुक्त परिणाम को प्राप्त करता है, उससे कर्म का बन्ध होता है; इसलिये ये परिणाम ही कर्म हैं ।
कर्म से मलिन आत्मा कर्म संयुक्त परिणाम को प्राप्त करता है, उससे कर्म का बन्ध होता है; इसलिये ये परिणाम ही कर्म हैं ।