GP:प्रवचनसार - गाथा 171 - तत्त्व-प्रदीपिका - हिंदी
From जैनकोष
औदारिक, वैक्रियिक, आहारक, तैजस और कार्मण—सभी शरीर सब पुद्गलद्रव्यात्मक हैं । इससे निश्चित होता है कि आत्मा शरीर नहीं है ॥१७१॥
औदारिक, वैक्रियिक, आहारक, तैजस और कार्मण—सभी शरीर सब पुद्गलद्रव्यात्मक हैं । इससे निश्चित होता है कि आत्मा शरीर नहीं है ॥१७१॥