GP:प्रवचनसार - गाथा 181 - अर्थ
From जैनकोष
[अन्येषु] पर के प्रति [शुभ परिणाम:] शुभ परिणाम [पुण्यम्] पुण्य है, और [अशुभ:] अशुभ परिणाम [पापम्] पाप है, [इति भणितम्] ऐसा कहा है; [अनन्यगतः परिणाम:] जो दूसरे के प्रति प्रवर्तमान नहीं है ऐसा परिणाम [समये] समय पर [दुःखक्षयकारणम्] दुःखक्षय का कारण है ।