GP:प्रवचनसार - गाथा 224.10 - अर्थ
From जैनकोष
तीन वर्णों में से कोई एक वर्ण वाला, निरोग शरीरी, वय से तपश्चरण को सहन करने वाला, सुन्दर मुखवाला, लोक की निंदा से रहित पुरुष दीक्षा ग्रहण के योग्य होता है ॥२५३॥
तीन वर्णों में से कोई एक वर्ण वाला, निरोग शरीरी, वय से तपश्चरण को सहन करने वाला, सुन्दर मुखवाला, लोक की निंदा से रहित पुरुष दीक्षा ग्रहण के योग्य होता है ॥२५३॥