GP:प्रवचनसार - गाथा 224.2 - अर्थ
From जैनकोष
निश्चय से उसी भव में, स्त्रियों का मोक्ष नहीं देखा गया है, इसलिए स्त्रियों के आवरण सहित पृथक चिन्ह कहा गया है ॥२४५॥
निश्चय से उसी भव में, स्त्रियों का मोक्ष नहीं देखा गया है, इसलिए स्त्रियों के आवरण सहित पृथक चिन्ह कहा गया है ॥२४५॥