GP:रत्नकरंड श्रावकाचार - श्लोक 35 - उत्थानिका अर्थ
From जैनकोष
आगे कुछ और भी कारण बतलाते हैं जिनसे सम्यग्दर्शन ही ज्ञान और चारित्र की अपेक्षा उत्कृष्ट है-
आगे कुछ और भी कारण बतलाते हैं जिनसे सम्यग्दर्शन ही ज्ञान और चारित्र की अपेक्षा उत्कृष्ट है-