GP:रत्नकरंड श्रावकाचार - श्लोक 43 - उत्थानिका अर्थ
From जैनकोष
आगे, विषय भेद की अपेक्षा सम्यग्ज्ञान के भेदों का वर्णन करते हुए सर्वप्रथम प्रथमानुयोग का लक्षण कहते हैं-
आगे, विषय भेद की अपेक्षा सम्यग्ज्ञान के भेदों का वर्णन करते हुए सर्वप्रथम प्रथमानुयोग का लक्षण कहते हैं-