GP:रत्नकरंड श्रावकाचार - श्लोक 91 - टीका हिंदी
From जैनकोष
शिक्षाव्रत के चार भेद हैं । १. देशावकाशिक, २. सामायिक, ३. प्रोषधोपवास, ४. वैयावृत्य । इन सबका लक्षण ग्रन्थकार स्वयं आगे कहेंगे । श्लोक में जो वा शब्द है, वह परस्पर समुच्चय के लिए प्रयुक्त किया है ।