देवकी
From जैनकोष
मृगावती देश में दशार्णपुर नगर के राजा देवसेन (उग्रसेन के भाई) और उसकी रानी धनदेवी की पुत्री । यह कंस की चचेरी बहिन थी । वसुदेव से उपकृत होकर कंस ने इसका विवाह वसुदेव के साथ करा दिया था । वसुदेव से इसके युगलरूप मे मोक्षगामी चरमशरीरी देवदत्त, देवपाल, अनीकदत्त, अनीकपाल, शत्रुघ्न और जितशत्रु ये छ: पुत्र हुए थे । कंस के भय के कारण इंद्र की आज्ञा से ये छहों पुत्र नैगमर्ष देव द्वारा भद्रिलपुर नगर के सुदृष्टि सेठ की अल का सेठानी के पास स्थानांतरित किये गये थे तथा अलका सेठानी के मृत शिशु इसके पास डाल दिये गये थे सातवें पुत्र नारायण कृष्ण हुए थे । जीवद्यशा के पति कस तथा पिता जरासंध इसी के अंतिम पुत्र कृष्ण के द्वारा मारे गये थे । महापुराण 70.369, 384-388, 71. 291-296, पद्मपुराण - 20.224-226, हरिवंशपुराण - 33.29,हरिवंशपुराण - 33.36.45, 52. 83, पांडवपुराण 11. 35-57