पश्चिम
From जैनकोष
मेघवाहन के पूर्वभव का जीव । यह कौशांबी नगरी के एक दरिद्र कुल में उत्पन्न हुआ था । प्रथम इसका सहोदर था । यह भवदत्त मुनि से दीक्षित होकर क्षुल्लक हो गया था तथा मरकर निदान के कारण नंदि सेठ का पुत्र हुआ । पूर्वभव का भाई मरकर देव हुआ था । उसके द्वारा संबोधे जाने से यह भी देव हो गया था । दोनों देव स्वर्ग से चयकर मंदोदरी के इंद्रजित् और मेघवाहन नामक पुत्र हुए । पद्मपुराण - 78.63-80