प्रजापति
From जैनकोष
(1) वृषभदेव के चौरासी गणधरों में 58 वें गणधर । महापुराण में ये 57 वें गणधर हैं । महापुराण 43.63, हरिवंशपुराण - 12.65
(2) वृषभदेव का दूसरा नाम । अपूर्व रूप से प्रजा की रक्षा करने के कारण उन्हें इस नाम से संबोधित किया गया था । सौधर्मेंद्र ने वृषभदेव की इस नाम से भी स्तुति की थी । महापुराण 25.113, 73.7, हरिवंशपुराण - 8.209
(3) पोद महापुराण र नगर का राजा । इसकी दो रानियां थी― मृगावती और जयावती । प्रथम नारायण त्रिपृष्ठ मृगावती का तथा विजय नामक बलभद्र जयावती का पुत्र था । महापुराण 57. 84-86, 70.120-122, पद्मपुराण - 20.221-226 वीरवर्द्धमान चरित्र 3.61-63
(4) मलय देश के रत्नपुर नगर का राजा । यह गुणकांता का पति और चंद्रचूल का पिता था । महापुराण 67.90-91
(5) अवंति देश की उज्जयिनी नगरी का राजा । महापुराण 75.95