बलसिंह
From जैनकोष
वैजयंती नगरी का न्यायप्रिय नृप । ‘कुमार वसुदेव हमारी स्त्री सोमश्री के साथ रूप बदलकर रहता है’ ऐसी मानसवेग द्वारा शिकायत किये जाने पर इसने छानबीन की थी तथा मानसवेग को असत्यभाषी पाया था । हरिवंशपुराण - 30.33-34
वैजयंती नगरी का न्यायप्रिय नृप । ‘कुमार वसुदेव हमारी स्त्री सोमश्री के साथ रूप बदलकर रहता है’ ऐसी मानसवेग द्वारा शिकायत किये जाने पर इसने छानबीन की थी तथा मानसवेग को असत्यभाषी पाया था । हरिवंशपुराण - 30.33-34