मुरजमध्य
From जैनकोष
एक व्रत । इसमें क्रमश: पाँच उपवास एक पारणा, चार उपवास एक पारणा, तीन उपवास एक पारणा, दो उपवास एक पारणा, दो उपवास एक पारणा, तीन उपवास एक पारणा, चार उपवास एक पारणा और पाँच उपवास एक पारणा की जाती है । इस प्रकार इसमें अट्ठाईस उपवास और आठ पारणाएँ की जाती है । हरिवंशपुराण - 34.66