जीवस्स दु कम्मेण य सह परिणामा हंवति रागादी ।
एवं जीवो कम्मं च दो वि रागादिमावण्णा ।।137।।
पूर्व पृष्ठ
अगला पृष्ठ
अनुक्रमणिका