वाहिनी
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
सेना का एक अंग। देखें सेना ।
पुराणकोष से
(1) सेना का एक भेद― तीन गुल्म सेना का एक दल । इसमें इक्यासी रथ, इतने ही हाथी, चार सो पाँच फयादे तथा इतने ही घोड़े रहते हैं । पद्मपुराण - 56.2-5, 8
(2) नदी के अर्थ में व्यहृत शब्द । हरिवंशपुराण - 2.16