श्रीतिलक
From जैनकोष
भरतक्षेत्र की काकंदी नगरी के एक साधु । शामली नगर के वसुदेव और सुदेव ने इन्हें उत्तम भावों से आहार दिया था जिसके फलस्वरूप वे अपनी-अपनी स्त्री सहित भोगभूमि में उत्पन्न हुए थे । पद्मपुराण - 108.39-42
भरतक्षेत्र की काकंदी नगरी के एक साधु । शामली नगर के वसुदेव और सुदेव ने इन्हें उत्तम भावों से आहार दिया था जिसके फलस्वरूप वे अपनी-अपनी स्त्री सहित भोगभूमि में उत्पन्न हुए थे । पद्मपुराण - 108.39-42