संस्थान विचय धर्म ध्यान
From जैनकोष
धवला 13/5,4,26/गाथा 43-50/72/13 तिण्णं लोगाणं संठाणपमाणाआउयादिचिंतणं संठाणविचयं णाम चउत्थं धम्मज्झाणं।
तीन लोकों के संस्थान, प्रमाण और आयु आदि का चिंतवन करना संस्थान विचय नाम का चौथा धर्म ध्यान है।
अधिक जानकारी के लिए देखें धर्मध्यान - 1।