आक्रोश: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) एक परीषह― दूसरों के द्वारा उत्तेजित किये जाने पर भी शरीर के प्रति निस्पृह रहते हुए कषायों को हृदय में स्थान नहीं देना, उन पर विजय प्राप्त करना । महापुराण 36.121</p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) एक परीषह― दूसरों के द्वारा उत्तेजित किये जाने पर भी शरीर के प्रति निस्पृह रहते हुए कषायों को हृदय में स्थान नहीं देना, उन पर विजय प्राप्त करना । <span class="GRef"> महापुराण 36.121 </span></p> | ||
<p id="2">(2) इस नाम का एक वानरवंशी नृप । पद्मपुराण 60. 5-6</p> | <p id="2" class="HindiText">(2) इस नाम का एक वानरवंशी नृप । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_60#5|पद्मपुराण - 60.5-6]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
(1) एक परीषह― दूसरों के द्वारा उत्तेजित किये जाने पर भी शरीर के प्रति निस्पृह रहते हुए कषायों को हृदय में स्थान नहीं देना, उन पर विजय प्राप्त करना । महापुराण 36.121
(2) इस नाम का एक वानरवंशी नृप । पद्मपुराण - 60.5-6