वराहक: Difference between revisions
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<p> वसुदेव का अनन्य भक्त । यह वसुदेव के साथ कृष्ण के कार्य से समुद्रविजय से मिला था । हरिवंशपुराण 51. 1-4</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> वसुदेव का अनन्य भक्त । यह वसुदेव के साथ कृष्ण के कार्य से समुद्रविजय से मिला था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_51#1|हरिवंशपुराण - 51.1-4]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
वसुदेव का अनन्य भक्त । यह वसुदेव के साथ कृष्ण के कार्य से समुद्रविजय से मिला था । हरिवंशपुराण - 51.1-4