विनयवती: Difference between revisions
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<p id="2">(2) गोवर्धन नगर के श्रावक जिनदत्त की स्त्री । यह आर्यिका होकर तथा तप करते हुए मरकर स्वर्ग में देव हुई थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 20. 137-143 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) गोवर्धन नगर के श्रावक जिनदत्त की स्त्री । यह आर्यिका होकर तथा तप करते हुए मरकर स्वर्ग में देव हुई थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_20#137|पद्मपुराण - 20.137-143]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
(1) सेठ वैश्रवणदत्त की स्त्री । विनयश्री की यह जननी थी । महापुराण 76.47-48
(2) गोवर्धन नगर के श्रावक जिनदत्त की स्त्री । यह आर्यिका होकर तथा तप करते हुए मरकर स्वर्ग में देव हुई थी । पद्मपुराण - 20.137-143