रोहिणीव्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(No difference)
|
Revision as of 23:25, 5 October 2014
प्रतिवर्ष रोहिणी नक्षत्र के दिन उपवास करे। तथा उस दिन वासुपूज्य भगवान् की पूजन तथा नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे। इसका अपरनाम अशोक रोहिणी है। (वसु. श्रा./३६३-३६५); (धर्मपरीक्षा/२०/१९-२०); (व्रत विधान सं./९२)।