भाई! ज्ञानी सोई कहिये: Difference between revisions
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भाई! ज्ञानी सोई कहिये
करम उदय सुख दुख भोगतैं, राग विरोध न लहिये।।भाई. ।।
कोऊ ज्ञान क्रियातैं कोऊ, शिवमारग बतलावै ।
नय निहचै विवहार साधिकै दोऊ चित्त रिझावै ।।भाई. ।।१ ।।
कोई कहै जीव छिनभंगुर, कोई नित्य बखानै ।
परजय दरवित नय परमानै, दोऊ समता आनै ।।भाई. ।।२ ।।
कोई कहै उदय है सोई, कोई उद्यम बोलै ।
`द्यानत' स्यादवाद सुतुलामें, दोनों वस्तु तोलै ।।भाई. ।।३ ।।