हिंसादान: Difference between revisions
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<span class="GRef">सागार धर्मामृत अधिकार 5/8</span> <p class="SanskritText">हिंसादानविषास्त्रादि-हिंसांगस्पर्शनं त्यजेत्। पाकाद्यर्थं च नाग्न्यादिदाक्षिण्याविषयेऽर्पयेत्। </p> | |||
<p class="HindiText">= विष या हथियार आदि हिंसा के कारणभूत पदार्थों का देना <strong>हिंसादान</strong> नामक अनर्थदंड व्रत कहलाता है। उस हिंसादान अनर्थदंड को छोड़ देना चाहिए। जिससे अपना व्यवहार है ऐसे पुरुषों से भिन्न पुरुषों के विषय में पाकादि के लिए अग्नि नहीं देवे।</p><br> | <p class="HindiText">= विष या हथियार आदि हिंसा के कारणभूत पदार्थों का देना <strong>हिंसादान</strong> नामक अनर्थदंड व्रत कहलाता है। उस हिंसादान अनर्थदंड को छोड़ देना चाहिए। जिससे अपना व्यवहार है ऐसे पुरुषों से भिन्न पुरुषों के विषय में पाकादि के लिए अग्नि नहीं देवे।</p><br> | ||
Latest revision as of 19:58, 16 February 2024
सागार धर्मामृत अधिकार 5/8
हिंसादानविषास्त्रादि-हिंसांगस्पर्शनं त्यजेत्। पाकाद्यर्थं च नाग्न्यादिदाक्षिण्याविषयेऽर्पयेत्।
= विष या हथियार आदि हिंसा के कारणभूत पदार्थों का देना हिंसादान नामक अनर्थदंड व्रत कहलाता है। उस हिंसादान अनर्थदंड को छोड़ देना चाहिए। जिससे अपना व्यवहार है ऐसे पुरुषों से भिन्न पुरुषों के विषय में पाकादि के लिए अग्नि नहीं देवे।
अधिक विस्तार के लिये देखें अनर्थदंड ।