कांक्ष: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> प्रथम पृथिवी के प्रथम प्रस्तार में स्थित सीमंतक नामक इंद्रक बिल की पूर्व दिशा में स्थित महानरक । यह दुर्वर्ण नारकियों से व्याप्त रहता है ।</span> <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.151-152 </span> | <span class="HindiText"> प्रथम पृथिवी के प्रथम प्रस्तार में स्थित सीमंतक नामक इंद्रक बिल की पूर्व दिशा में स्थित महानरक । यह दुर्वर्ण नारकियों से व्याप्त रहता है ।</span> <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#151|हरिवंशपुराण - 4.151-152]] </span> | ||
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प्रथम पृथिवी के प्रथम प्रस्तार में स्थित सीमंतक नामक इंद्रक बिल की पूर्व दिशा में स्थित महानरक । यह दुर्वर्ण नारकियों से व्याप्त रहता है । हरिवंशपुराण - 4.151-152