कांक्ष
From जैनकोष
प्रथम पृथिवी के प्रथम प्रस्तार में स्थित सीमंतक नामक इंद्रक बिल की पूर्व दिशा में स्थित महानरक । यह दुर्वर्ण नारकियों से व्याप्त रहता है । हरिवंशपुराण - 4.151-152
प्रथम पृथिवी के प्रथम प्रस्तार में स्थित सीमंतक नामक इंद्रक बिल की पूर्व दिशा में स्थित महानरक । यह दुर्वर्ण नारकियों से व्याप्त रहता है । हरिवंशपुराण - 4.151-152