साल: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> एक चैत्यवृक्ष । तीर्थंकर सुविधिनाथ और महावीर ने इसी वृक्ष के नीचे दीक्षा ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 74.350, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20. 45, 60, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.58 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक चैत्यवृक्ष । तीर्थंकर सुविधिनाथ और महावीर ने इसी वृक्ष के नीचे दीक्षा ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 74.350, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_20#45|पद्मपुराण - 20.45]], 60, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#58|हरिवंशपुराण - 2.58]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) राम का पक्षधर एक योद्धा । यह सैनिकों के मथ्य स्थित रथ पर बैठकर रणागण में पहुँचा था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 58.12, 17 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) राम का पक्षधर एक योद्धा । यह सैनिकों के मथ्य स्थित रथ पर बैठकर रणागण में पहुँचा था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_58#12|पद्मपुराण - 58.12]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_58#17|पद्मपुराण - 58.17]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
एक चैत्यवृक्ष । तीर्थंकर सुविधिनाथ और महावीर ने इसी वृक्ष के नीचे दीक्षा ली थी । महापुराण 74.350, पद्मपुराण - 20.45, 60, हरिवंशपुराण - 2.58
(2) राम का पक्षधर एक योद्धा । यह सैनिकों के मथ्य स्थित रथ पर बैठकर रणागण में पहुँचा था । पद्मपुराण - 58.12,पद्मपुराण - 58.17