साल
From जैनकोष
एक चैत्यवृक्ष । तीर्थंकर सुविधिनाथ और महावीर ने इसी वृक्ष के नीचे दीक्षा ली थी । महापुराण 74.350, पद्मपुराण - 20.45, 60, हरिवंशपुराण - 2.58
(2) राम का पक्षधर एक योद्धा । यह सैनिकों के मथ्य स्थित रथ पर बैठकर रणागण में पहुँचा था । पद्मपुराण - 58.12,पद्मपुराण - 58.17