हृदयसुंदरी: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) हिडिंब वंश के राजा सिंहघोष और रानी सुदर्शना की पुत्री । त्रिकूटाचल का राजा मेघवेग इसे चाहता था किंतु वह इसे प्राप्त नहीं कर सका था । निमित्तज्ञानियों ने विंध्याचल पर गदाविद्या की सिद्धि करने वाले के मारने वाले को इसका पति बताया था । अंत में भीम पांडव के साथ इसका विवाह हुआ । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.114-118 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) हिडिंब वंश के राजा सिंहघोष और रानी सुदर्शना की पुत्री । त्रिकूटाचल का राजा मेघवेग इसे चाहता था किंतु वह इसे प्राप्त नहीं कर सका था । निमित्तज्ञानियों ने विंध्याचल पर गदाविद्या की सिद्धि करने वाले के मारने वाले को इसका पति बताया था । अंत में भीम पांडव के साथ इसका विवाह हुआ । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_45#114|हरिवंशपुराण - 45.114-118]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) रथनूपुर नगर के सहस्रार विद्याधर की रानी । विद्याधरों के राजा इंद्र की यह माता थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 13.65-66 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) रथनूपुर नगर के सहस्रार विद्याधर की रानी । विद्याधरों के राजा इंद्र की यह माता थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_13#65|पद्मपुराण - 13.65-66]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:31, 27 November 2023
(1) हिडिंब वंश के राजा सिंहघोष और रानी सुदर्शना की पुत्री । त्रिकूटाचल का राजा मेघवेग इसे चाहता था किंतु वह इसे प्राप्त नहीं कर सका था । निमित्तज्ञानियों ने विंध्याचल पर गदाविद्या की सिद्धि करने वाले के मारने वाले को इसका पति बताया था । अंत में भीम पांडव के साथ इसका विवाह हुआ । हरिवंशपुराण - 45.114-118
(2) रथनूपुर नगर के सहस्रार विद्याधर की रानी । विद्याधरों के राजा इंद्र की यह माता थी । पद्मपुराण - 13.65-66